


संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर जहां अधिकतर अरब देश इज़राइल की हालिया नीतियों की आलोचना कर रहे थे, वहीं संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने एक अलग राह चुनकर सभी को चौंका दिया। यूएई के नेताओं ने न्यूयॉर्क में इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की और इस कदम ने अरब जगत में नई राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। इस मुलाकात को लेकर सऊदी अरब, कतर और अन्य अरब देशों में नाराज़गी देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यूएई का यह कदम पूरे क्षेत्रीय संतुलन को बदल सकता है। कई देशों को डर है कि इससे अरब जगत की एकजुटता कमजोर होगी और फिलीस्तीनी मुद्दे पर साझा आवाज़ दब जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बहस के दौरान जब अधिकांश अरब देशों ने गाजा पर इज़राइल की कार्रवाई की आलोचना की, तब यूएई ने अपेक्षाकृत नरम रुख अपनाया। यूएई ने सीधे इज़राइल पर तीखा हमला करने के बजाय ‘संवाद और सहयोग’ की बात कही। इसने स्पष्ट संकेत दिया कि अबू धाबी क्षेत्रीय राजनीति में अलग रणनीति अपना रहा है। गौरतलब है कि 2020 में यूएई और इज़राइल ने अमेरिका की मध्यस्थता से अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।